
कांग्रेसी लीडर प्रियंका गांधी इन दिनों लगातार सुर्ख़ियों में हैं। कई बार अपनी पहल की वजह से तो कई बार कुछ अदृश्य शक्तियों की वजह से। यह सब देखते, सुनते, समझते, गपियाते हुये मियाँ हुजूर अपने पुराने दोस्त महंथ रामदास से बोले-बाबा, तुम्हारी पार्टी में कुछ ऐसे लोग हैं जो लगातार प्रियंका गांधी की मदद कर रहे हैं। कई बार मुझे लगता है कि अफसरों की कारस्तानी है तो कई बार लगता है कि नहीं, योगी बाबा के राज में भला अफसर इतनी गुस्ताखी तो नहीं कर सकते। पर सवाल तो है कि किसकी मदद से वे सुर्ख़ियों में हैं?
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महंथ जी बोले-मौलाना तुम्हारी तबीयत कुछ ठीक नहीं लग रही। इलाज कराओ। जीवन भर तुमने छोटे बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाई। अब राजनीतिक चक्करों में न ही पड़ो। राजनीति में जो होता है वह दिखता नहीं, जो दिखता है वह होता नहीं। अब देखो, सब कहते हैं कि योगी जी मुसलमानों के दुश्मन हैं। उनके मंदिर चले जाओ तो पता चलता है कि परिसर से लेकर आसपास के मोहल्लों में रहने वाले बड़ी संख्या में मुसलमानों को वे खुद संरक्षण देते हैं। फिर भी तुम बताओ कि कैसे मेरी पार्टी के लोग प्रियंका की मदद कर रहे हैं?

मियाँ हुजूर बोले-अमाँ देखो। तीन दिन पहले प्रियंका गांधी लखनऊ में राजनीति कर रही थीं। आगरा के पुलिस थाने में एक युवक की मौत हो गयी। आरोप है कि पुलिस की पिटाई से मौत हुई। संयोग देखो मरने वाला युवा बाल्मीकि था, सो प्रियंका जी चल पड़ीं आगरा की ओर। तुम्हारी पुलिस ने उन्हें लखनऊ में ही रोक लिया। कुछ देर सड़क पर फिर पुलिस लाइन तक बवाल चला। खूब मीडिया कवरेज हुई। कुछ देर बाद उसी पुलिस ने उन्हें आगरा जाने की अनुमति दे दी। पता चला कि लखनऊ से लेकर आगरा तक प्रियंका ही प्रियंका छाई रहीं।
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खीरी की घटना के बाद पुलिस ने प्रियंका को सीतापुर में गिरफ्तार कर पीएसी गेस्ट हाउस में रख दिया। प्रियंका वहाँ पुलिस हिरासत में थीं। उन्होंने झाड़ू लगाईं। पुलिस हिरासत में उनकी वीडियो बनी और वह वायरल भी हुई। मेरे मन में सवाल है कि कड़ी सुरक्षा में रहने वाली प्रियंका जब पुलिस की हिरासत में हैं तो उन्हें झाड़ू लगाने से लेकर वीडियो बनाने और उसे वहाँ से वायरल करने तक की सुविधा किसी ने तो दी ही। और इसमें सबसे बड़ा सहयोग व्यवस्था का ही दिखता है।

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महंथ जी ने कहा-मौलाना, तुम राजनीति के दांव-पेंच नहीं समझते हो। यह काम राजनेताओं को करने दो। देश और उत्तर प्रदेश की सत्ता हमारी पार्टी के हाथों में है। अब हम फिर चुनाव में जाने को तैयार हैं। चुनाव जीतने के लिये बहुत सारे फैक्टर काम करते हैं। ध्यान रहे, मेरी पार्टी को 2017 विधान सभा चुनाव में सबसे ज्यादा वोट मिला था। 2019 के लोकसभा चुनाव में यह वोट और बढ़ गया। हमारी पार्टी के सामने अपने वोट को कायम रखने की तो विपक्ष के सामने अपना वोट बढ़ाने की चुनौती है। और विपक्ष का वोट बैंक बिखर जाये इसके लिए हमें जो कुछ करना है, वह हम करेंगे। इसका लाभ अगर किसी भी विपक्षी दल को मिलता है तो मिले, हम अपना नुकसान नहीं होने देने के लिये कटिबद्ध हैं।
मौलाना ने कहा-हाँ-हाँ, सब समझ गये। वैसे भी प्यार और जंग में सब कुछ जायज है और 2022 का विधान सभा चुनाव सभी दलों के लिये जंग ही तो है। खुदा उत्तर प्रदेश का खैर करे।
(लेखक 30 वर्षों से प्रिंट और डिजिटल पत्रकारिता में सक्रिय हैं। ‘हिन्दुस्तान’ अखबार में कई केन्द्रों पर संपादक रहे हैं।)
सर आपकी निगाह को बहुत सलाम , आपने बहुत अच्छा विश्लेषण किया।
सर