कानपुर. उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM President Asaduddin Owaisi) लगातार सभाएं कर रहे हैं. अपनी इन्हीं चुनावी सभाओं के क्रम में असदुद्दीन ओवैसी की रविवार को कानपुर (Kanpur) का जाजमऊ में सभा का आयोजन हुआ. इस सभा में आयोजित सभा में असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिमों की उपेक्षा को लेकर राजनीतिक दलों पर निशाना साधा. असदुद्दीन ओवैसी ने अपने भाषण में कहा, ‘मुसलमानों की स्थिति बारात में ‘बैंड बजाने वालों’ जैसी हो गई है, जहां उन्हें पहले संगीत बजाने के लिए कहा जाता है, लेकिन विवाह स्थल पर पहुंचने पर उन्हें बाहर खड़ा कर दिया जाता है.’
सभी राजनीतिक दलों ने मुसलमानों को छला
कानपुर में आयोजित अपनी सभा में असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने आरोप लगाया है कि चाहे मुसलमानों के सबसे ज्यादा वोट हासिल करने वाली समाजवादी पार्टी (SP) हो या फिर सामाजिक न्याय के लिए दलित-मुस्लिम एकता की बात करने वाली बहुजन समाज पार्टी (BSP), किसी ने भी मुसलमानों को नेतृत्व नहीं दिया. वह इसी आरोप को उत्तर प्रदेश में अपने चुनावी अभियान का आधार बना रहे हैं.
चुनावी जंग में निर्णायक है मुस्लिम आबादी
जनगणना 2011 के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश की आबादी में मुसलमानों की हिस्सेदारी 19.26 प्रतिशत है. ऐसा माना जाता है कि राज्य की 403 में से 82 विधानसभा क्षेत्रों में मुसलमान मतदाता निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं. गौरतलब है कि एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश की 100 विधान सभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. ओवैसी की पार्टी ने 2017 में उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में 38 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन उसे एक भी सीट नहीं मिली थी. हालांकि बिहार में हुए पिछले विधान सभा चुनाव में उसे सीमांचल की पांच सीटों पर जीत हासिल हुई थी. इससे उनकी पार्टी उत्साहित है और उत्तर प्रदेश में भी कामयाबी के प्रति आश्वस्त नजर आ रही है.