पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे व तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी सोमवार को दिल्ली स्थित प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) के सामने पेश हुए। ईडी अभिषेक बनर्जी से मनी लॉन्ड्रिंग के केस में पूछताछ कर रही है। ईडी के सामने पेश होने से पहले मीडिया से बातचीत के दौरान अभिषेक बनर्जी ने कहा कि अगर उनके खिलाफ आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो वे अपने आप को फांसी पर लटका लेंगे।
अभिषेक बनर्जी से मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत पूछताछ
सोमवार सुबह को अभिषेक बनर्जी दिल्ली के जाम नगर हाउस स्थित ईडी के कार्यालय में पेश हुए। अभिषेक बनर्जी से मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत पूछताछ की गई। ईडी कार्यालय में दाखिल होने से पहले मीडियाकर्मियों से बातचीत में अभिषेक बनर्जी ने कहा कि जांच एजेंसी ईडी ने 6 सितंबर को पेश होने के लिए मुझे समन जारी किया था। मैं किसी भी प्रकार की जांच के लिए तैयार हूं और एक नागरिक होने के नाते मैं एजेंसी के साथ सहयोग करूंगा।
अभिषेक बनर्जी ने भाजपा पर प्रतिशोध की राजनीति का आरोप लगाया
ईडी के सामने पेश होने के लिए दिल्ली रवाना होने से पहले कोलकाता में पत्रकारों से बातचीत के दौरान अभिषेक बनर्जी ने भाजपा पर जांच एजेंसी के जरिए प्रतिशोध की राजनीति करने का आरोप लगाया। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि वे टीएमसी के साथ राजनीतिक रूप से नहीं लड़ सकते इसलिए अब वे प्रतिशोध की राजनीति कर रहे हैं और इसके लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूं
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूं। अगर जांच एजेंसियों के पास किसी भी मामले में मेरे खिलाफ कोई सबूत है तो उसे सार्वजनिक करें। अगर कोई भी यह साबित कर सकता है कि मैंने किसी से भी पैसे के लेनदेन किए हैं तो मैं खुद को फांसी लगा लूंगा। बता दें कि कोयला घोटाले के मामले में कई टीएमसी नेताओं पर आरोप लगे हैं। भाजपा का दावा है कि इसके जरिए कोरोड़ो रुपए का काला धन सफ़ेद किया गया है।
करोड़ों रुपए के कोयला घोटाले का आरोप
दरअसल ईडी ने सीबीआई के द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के बाद मनी लॉन्ड्रिंग के तहत इस मामले को दर्ज किया था। सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के आसनसोल और उसके आसपास के इलाकों में कोयला खदानों से करोड़ों रुपए के कोयला घोटाले का आरोप लगाया है। इस मामले में ईडी ने तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा को समन जारी कर दिल्ली स्थित कार्यालय में पेश होने के लिए कहा था। लेकिन रुजिरा ने कोरोना का हवाला देते हुए दिल्ली आने से मना कर दिया था। वहीं अभिषेक को छह सितंबर को दिल्ली स्थित कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया था।