- महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी परिसर में ‘फ्री लीगल एड क्लीनिक’ का उदघाटन हुआ
- न्यायिक अधिकारियों ने छात्र- छात्राओं से लोगों को इंसाफ दिलाने में कानून के माध्यम से मदद करने का आह्वान किया
नोएडा। लीगल एड क्लीनिक के माध्यम से समाज के उस तबके या लोगों को आसानी से इंसाफ दिलाया जा सकता है जिन्हें किसी भी कानूनी सहायता के लिए भटकना पड़ता है। ऐसे में जरूरत है कि ऐसे क़ानूनी सहायता केन्द्रों का का प्रचार-प्रसार हो। इनमें क़ानून की पढ़ाई करने वाले छात्र ज्यादा से ज्यादा संख्या में काम करें। इससे उनका अनुभव बढ़ेगा। क्योंकि किताबी पढ़ाई के साथ ही छात्र-छात्राओं को प्रैक्टिकल नॉलेज होना जरूरी है। इसके लिए हम स्टूडेंट्स को आमंत्रित करते हैं कि वह कानूनी सहायता केंद्र में आएं, हम उनकी मदद करेंगे।
यह बातें गुरुवार को गौतम बुद्ध नगर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अशोक कुमार ने महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ़ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के ‘फ्री लीगल एड क्लीनिक’ का उदघाटन करते हुए कहीं। सेक्टर 110 स्थित विश्विद्यालय परिसर के उत्सव भवन में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि जिला जज न्यायाधीश श्री अशोक कुमार ने कहा कि कानूनी सहायता केंद्रों के जरिए उन लोगों की मदद की जा सकती है जिन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि वे कानूनी मामलों में सहायता के लिए कहाँ और किससे संपर्क करें। अभी भी समाज में गरीब और अमीर लोगों के बीच बड़ी खाई है। ऐसे में गरीब तबका यह नहीं जान पाता कि वह किसी भी कानूनी मामले में किससे सम्पर्क करें। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे कानून के अच्छे जानकार बनें और कानूनी सहायता केंद्रों में उत्साह पूर्वक मेहनत से काम करें। इससे वह और ज्यादा ज्ञान हासिल करेंगे।

लोकतंत्र की मजबूती में न्यायपालिका की सबसे बड़ी भूमिका : कुलाधिपति श्री अजय प्रकाश श्रीवास्तव
इस मौके पर महर्षि यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति श्री अजय प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती में न्यायपालिका सबसे बड़ी भूमिका निभा रही है। न्यायपालिका सिर्फ दोषियों को सजा ही नहीं देती बल्कि आरोपितों को सुधार का मौका भी देती है। श्री श्रीवास्तव ने छात्र-छात्राओं से कहा कि वे न्याय की इस व्यवस्था को आगे लेकर जाएं।

पीड़ित लोगों को इंसाफ की राह में सहायता में आगे आयें छात्र- सीजेएम ऋचा उपाध्याय
ऋचा उपाध्याय, चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट, गौतम बुद्ध नगर ने कहा कि विश्विद्यालयों में कानूनी सहायता केंद्र स्थापित करने का उद्देश्य यही है कि स्टूडेंट्स को कानूनी सहायता देने का अनुभव हो। साथ ही पीड़ित लोगों को इंसाफ की राह में सहायता की जा सके।

कानून का काम सिर्फ सजा देना नहीं है, बल्कि सहारा देना भी : श्री सुमित आनंद
समारोह के विशिष्ट अतिथि के रूप में दिल्ली स्टेट लीगल सर्विसेस अथॉरिटी के सचिव सुमित आनंद ने कहा कि कानून का काम सिर्फ सजा देना नहीं है। कानून लोगों की मदद और इंसाफ दिलाने के लिए है। न्याय सिर्फ वह नहीं है जो कोर्ट के माध्यम से दिया जाता है। न्याय वह है जो एक व्यक्ति दूसरे को देता या दिलाता है। लोगों को यह जानने और बताने की जरूरत है कि फ्री लीगल एड क्लीनिक जैसी सुविधा उनका संवैधानिक अधिकार है। इसका ज्यादा से ज्यादा प्रचार करने की जरूरत है। गांव और पिछड़े इलाकों में भी इसका प्रचार प्रसार करने की जरूरत है।

लोक अदालतों के माध्यम से हमने हजारों मामलों को इंसाफ तक पहुंचाया : श्री जयहिंद कुमार सिंह
डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेस अथॉरिटी, गौतम बुद्ध नगर के सचिव श्री जयहिंद कुमार सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि पिछले वर्ष सितम्बर माह से अब तक लोक अदालतों के माध्यम से हमने हजारों मामलों को इंसाफ तक पहुंचाया। लंबित मामलों में पीड़ितों को न्याय दिलाया। उन्होंने कहा कि कानूनी सहायता केंद्रों के माध्यम से हर जरूरतमंद को सहारा और इंसाफ दिया जाना चाहिए।

समारोह में लॉ के स्टूडेंट्स ने नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन स्कूल ऑफ़ डेटा साइंस की डीन तृप्ति अग्रवाल ने किया। समारोह में धन्यवाद ज्ञापन महर्षि यूनिवर्सिटी के डीन एकेडमिक्स अजय कुमार ने दिया।

इस मौके पर महर्षि यूनिवर्सिटी के फाइनेंस ऑफिसर श्री वरुण श्रीवास्तव, डायरेक्टर श्री दिनेश पाठक, बिजनेस हेड श्री नील माधव महापात्रा, स्कूल ऑफ लॉ के डीन प्रो. केबी अस्थाना, डॉ अनु बहल, श्री संजय कमल, डॉ अवकाश मिश्र, श्री भानु प्रताप, डॉ शम्भू शरण गुप्त सहित बड़ी संख्या में फैकल्टी मेम्बर, अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
