- महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट द्वारा आयोजित हुए ‘श्री विष्णु सर्व अद्भुत शांति महायज्ञ’ के पूर्णाहुति कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
- मुख्यमंत्री ने कहा- महर्षि महेश योगी जी ने दुनिया भर में वेदों, भारतीयता, रामायण और महाभारत के प्रसंगों और संदर्भों का जिस मजबूती से प्रस्तुतिकरण किया, वह अद्भुत और अभिनंदनीय है
- श्री अयोध्या धाम स्थित महर्षि वेद विज्ञान पीठ में बुधवार को हुआ महायज्ञ का समापन कार्यक्रम, राज्यसभा सांसद और भाजपा प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी सहित भाजपा के कई विधायक और अयोध्या के महापौर भी हुए सम्मिलित
अजय कश्यप।
अयोध्या। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि महर्षि महेश योगी जी ने भारत और भारतीयता को विश्व पटल पर न सिर्फ सामने रखा बल्कि उसे शिखर पर भी पहुंचाने का कार्य किया। महर्षि महेश योगी जी ने दुनिया भर में वेदों, भारतीयता, रामायण, महाभारत के प्रसंगों और संदर्भों का मानव कल्याण के लिए जिस मजबूती से प्रस्तुतिकरण किया, वह अद्भुत और अभिनंदनीय है। मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने यह विचार महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट द्वारा आयोजित हुए ‘श्री विष्णु सर्व अद्भुत शांति महायज्ञ’ की पूर्णाहुति आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होते हुए कहे। इस महायज्ञ की पूर्णाहुति का आयोजन श्री अयोध्या धाम स्थित महर्षि वेद विज्ञान पीठ में बुधवार को हुआ। राष्ट्र की शांति, समृद्धि एवं विकास के संकल्प के साथ महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट द्वारा महायज्ञ का आयोजन 17 से 27 नवंबर तक नोएडा के सेक्टर 110 स्थित महर्षि वैदिक परिसर में किया गया था।

श्री अयोध्या धाम स्थित महर्षि वेद विज्ञान पीठ में बुधवार को हुए महायज्ञ के समापन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि महर्षि महेश योगी जी से उन्हें संवाद का अवसर 1998 में हुआ था। श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक खंड काल ऐसा था जब वेदों के बारे में दुनिया में दुष्प्रचार किया गया। उसके बावजूद महर्षि महेश योगी जी ने पूरी दुनिया के समस्त मंचों पर बेधड़क होकर वेदों का महत्व, ज्ञान और उसका जीवन में लाभ सबको बताया। इसके लिए भारत और इसके लोग सदैव उनका स्मरण रखेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि महर्षि महेश योगी जी ने उस काल खण्ड में कार्य किया जब वह एक ऐसा दौर था जब सरकारें अपने को सेक्युलर दिखाने का प्रयास करती थीं। साथ ही भारतीय संस्कृति, वेद, पुराण और धर्म के प्रति उदासीन हो चुकी थीं। उस समय महर्षि महेश योगी जी ने भारत और भारतीय संस्कृति से जुड़े मुद्दों को पूरी मजबूती से दुनिया के सामने रखा।

अयोध्या के महत्त्व पर चर्चा करते हुए श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या सूर्यवंश की राजधानी है और भगवान श्री राम की जन्मस्थली है। हर व्यक्ति अयोध्या से जुड़ना चाहता है। सभी के लिए अयोध्या से जुड़ना विश्व मानवता और धर्म से जुड़कर गौरव महसूस करने के बराबर है। अयोध्या दुनिया के पथ का अनुगामी शहर है। उन्होंने कहा कि अयोध्या ने 500 वर्ष से भी ज्यादा तक संघर्ष देखा है। इसे तमाम मुस्लिम शासकों ने क्षति पहुंचाने का काम किया। मगर अयोध्या चुप नहीं बैठी। अत्याचार और अन्याय करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अयोध्या नगरी हमेशा तत्पर और खड़ी रही। क्योंकि भगवान राम की इस जन्मस्थली का भी अपने आदर्श भगवान राम की तरह सिद्धांत रहा है कि हम न अधर्म करेंगे, न करने देंगे। बल्कि अधर्म और अत्याचार के खिलाफ मजबूती से डटे रहेंगे।

मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब हमने 2017 में अयोध्या में दीपोत्सव प्रारंभ किया और कई देशों की रामलीलाओं को आमंत्रित किया तब उसमें सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया की रामलीला भी आई। उस रामलीला का प्रत्येक कलाकार मुस्लिम था। उनका कहना था कि रामलीला या अयोध्या हमारे लिए सिर्फ नाट्यमंचन नहीं है बल्कि राम में हमारी आस्था है। राम से हमारा आत्मीय संबंध है। उनके आदर्श हमारे लिए सिरोधार्य हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों को अयोध्या में श्री राम मंदिर बनने पर संदेह था, उन्हें उस संदेह का जवाब मिल चुका है। 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भव्य राम मंदिर निर्माण का शिलान्यास कर दिया है। इस पर तेजी से कार्य जारी है।

श्री योगी आदित्यनाथ ने महर्षि रामायण विद्यापीठ की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस पीठ के माध्यम से जो मानवीय कार्य किये जा रहे हैं उनसे हम सनातन संस्कृति को पूरे विश्व में लेकर जायेंगे। महर्षि महेश योगी जी के अभियान को जिस समर्पण से महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट आगे लेकर जा रहा है वह सराहनीय है। अपने संबोधन से पूर्व मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने ‘श्री विष्णु सर्व अद्भुत शांति महायज्ञ’ की पूर्णाहुति में आहुतियाँ डालकर राष्ट्र और जनकल्याण की कामना की।
इससे पूर्व राज्य सभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने अयोध्या नगरी और यहां के संतों को नमन करते हुए अपने संबोधन में कहा कि देश धर्म से अनुप्राणित होता है। यह धर्मपरायण देश है। श्री राम जन्म भूमि का निर्माण भारत में वैभव और स्वाभिमान की यात्रा थी। डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि भारत की परम्परा गुरु-शिष्य परंपरा कहलाती है। परंपरा हमारी आध्यात्मिकता है। उन्होंने कहा कि ट्रांसिडेंटल मेडिटेशन पर महर्षि जी कि पुस्तक ‘अस्तित्व का विज्ञान और जीने की कला’ (Science of Being and Art of Living) में संस्कृति, जीवन जीने की कला और विज्ञान सभी कुछ मिलता है। उन्होंने कहा कि वेदों का महत्व तो विदेशी लेखकों ने भी माना है।

महायज्ञ के समापन कार्यक्रम के आरंभ में महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट के मुख्य न्यासी श्री अजय प्रकाश श्रीवास्तव, ट्रस्ट के पदाधिकारी श्री राहुल भारद्वाज और श्री पंकज शर्मा ने मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ को शॉल ओढ़ाकर और प्रतीक चिन्ह देकर उनका स्वागत और अभिनंदन किया। उन्होंने राज्य सभा के सांसद और भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी, अयोध्या के महापौर श्री ऋषिकेश उपाध्याय सहित विधायक श्री वेद प्रकाश गुप्ता, श्री विधायक रामचंद्र यादव, विधायक शोभा, विधायक श्री बाबा गोरखनाथ, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री संजीव सिंह और भाजपा महानगर अध्यक्ष श्री अभिषेक मिश्र आदि का भी मंच पर स्वागत और अभिनंदन किया। अपने संबोधन में श्री अजय प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि महर्षि महेश योगी जी ने छह दशक पूर्व भारत के वैदिक और आध्यात्मिक ज्ञान को आगे जे जाने का कार्य किया। सारी दुनिया में भावातीत ध्यान शैली को लोकप्रिय बनाया। 200 से ज्यादा देश आज भावातीत ध्यान के महत्व को समझते हुए इसे अपना चुके हैं। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि भावातीत ध्यान से सकारात्मकता और रचनात्मकता आती है। भारत की इसी वैदिक संपदा के माध्यम से शांति, समृद्धि और विकास किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि महर्षि जी की सोच और उनके सपने को साकार करने की दिशा में कार्य करते हुए हम अयोध्या में महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय का निर्माण करने जा रहे हैं।
महायज्ञ के समापन समारोह के मंच संचालन करते हुए महर्षि विश्वविद्यालय के डायरेक्टर दिनेश पाठक ने मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ की विकास योजनाओं का जिक्र किया। साथ ही गोरखपुर में श्री योगी आदित्यनाथ की सद्भावपूर्ण छवि और सौहार्दपूर्ण माहौल का उल्लेख किया।