- जाने-माने मोटिवेशनल स्पीकर श्री मदुरई मुथू ने कहा- टीएम से बीमारियाँ खत्म होती हैं, तन-मन स्वस्थ्य होता है
- तमिलनाडु के थिरूची स्थित महर्षि विद्या मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में बच्चों और अभिभावकों ने जाना टीएम का महत्व
थिरूची। भावातीत ध्यान यानि ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन (टीएम) हमारे जीवन को तरक्की की राह पर ले जाता है। भावातीत ध्यान से हमारी मनोदशा और मानसिक स्थिति मजबूत होती है। इससे हममें तनाव से निपटने की क्षमता बढ़ती है। हम समस्याओं में उलझे रहने की बजाए उन्हें हल करना सीखते हैं। महर्षि महेश योगी द्वारा 1950 में दी गई भावातीत ध्यान की यह तकनीक आज दुनिया भर में लोगों के जीवन को सहज, सरल और बेहतर बनाने में सबसे उपयोगी साबित हो रही है। यह कहना है जाने-माने मोटिवेशनल स्पीकर श्री मदुरई मुथू का। श्री मदुरई मुथू ने तमिलनाडु के थिरूची स्थित महर्षि विद्या मंदिर में आयोजित एक कार्यक्रम में बच्चों और उनके अभिभावकों से कहा कि प्राणायाम और ध्यान के दैनिक अभ्यास से आपका आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक विकास उच्च स्तर तक पहुँच जाता है। महर्षि विद्या मंदिर परिसर में हुए इस आयोजन में प्रेमलथा और एस गीता भी मौजूद रहे।

गौरतलब है कि भावातीत ध्यान की शुरुआत भारत में महर्षि महेश योगी द्वारा हिन्दू वैदिक परम्पराओं की व्याख्या के आधार की गई। इस बारे में जाने-माने टीएम गुरु डॉ. सुनील कुमार सिन्हा जानकारी देते हैं कि महर्षि महेश योगी ने 1950 के दशक में इसका अभ्यास करना आरम्भ किया था, और तब से यह सबसे अधिक व्यापक शोध और अभ्यास वाली ध्यान तकनीकों में से एक बन गया है। यह रक्तचाप, मधुमेह, अनिद्रा को कम करता है और हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को रोकने में सहायक है। इसके साथ ही भावातीत ध्यान वजन कम करने में मदद कर सकता है। यह ध्यान स्मरण शक्ति में वृद्धि, बहुमुखी चिंतन करने की क्षमता में वृद्धि, चिड़चिड़ापन दूर करने और भावनात्मक संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। भावातीत ध्यान अभ्यास से सुख, शांति और असीम आनंद की अनुभूति होती है।

डॉ. सिन्हा बताते हैं कि महर्षि महेश योगी जी के भावातीत ध्यान की इस विधा को दुनियाभर में करीब 700 से अधिक वैज्ञानिक अनुसंधानों द्वारा सबसे ज्यादा लाभकारी माना गया है। इसको करने से चेतना की उच्च अवस्था का लाभ प्राप्त होता है। वास्तव में टीएम विचलित करने वाले विचारों से बचने और अपने मन को साधने की एक बहुत ही सरल, प्राकृतिक और सहज तकनीक है। टीएम ध्यान तकनीक भारत की प्राचीन वैदिक परंपरा से ली गई है। इसे करने का तरीका भी एकदम आसान है।

ऐसे करें ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन
- सबसे पहले किसी आरामदायक मुद्र में बैठ जाएं। फिर अपनी पीठ और गर्दन को सीधा रखें। आप कहीं भी ध्यान कर सकते हैं जैसे कि सोफे पर, ट्रेन, बस, टैक्सी, अपने कार्यालय या और कहीं भी आप अपनी आँखें बंद करके बैठ सकते हैं।
- इसके बाद अपनी आँखें बंद करें। फिर अपने शरीर और दिमाग को आराम देने के लिए कुछ गहरी साँसें लें।
- फिर अपनी आँखें खोलें और फिर बंद करें। 20 मिनट के सेशन के दौरान अपनी आँखें बंद ही रखें।
- अपने मन में चुपचाप एक मंत्र दोहराएं। यह मंत्र आपके टीएम शिक्षक ने आपको दिया होगा।
- मंत्र को अपना ध्यान केंद्रित करने दें, और अपने विचारों को नियंत्रित करने का प्रयास न करें। क्योंकि इस मेडिटेशन में आपको मन को केंद्रति करने की कतई जरूरत नहीं है।
- 20 मिनट के बाद सहजता के साथ आपनी आंखों को खोलें।
- ध्यान रखें कि आंखें खोलने में कतई जल्दबाजी ना करें।